गणेश पूजन 2025: शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और संपूर्ण जानकारी

गणेश पूजन 2025: शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और संपूर्ण जानकारी (Ganesh Pujan Vidhi in Hindi)

🕉️ गणेश पूजन का महत्व

गणेश पूजन हिंदू धर्म के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है। श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, जिन्हें किसी भी शुभ कार्य या पर्व से पहले पूजा जाता है। वे विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहलाते हैं। माना जाता है कि गणपति जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, धन, ज्ञान और शांति का आगमन होता है।

गणेश जी को बुद्धि, विवेक और सिद्धि का देवता माना गया है। इसलिए विद्यार्थी, व्यापारी, गृहस्थ और साधक सभी विशेष रूप से गणेश पूजन करते हैं।

गणेश पूजन 2025: शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और संपूर्ण जानकारी


🌸 गणेश पूजन 2025 के शुभ मुहूर्त

गणेश पूजन विशेषकर गणेश चतुर्थी के दिन होता है, लेकिन अन्य पर्वों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नवरात्रि, दीवाली आदि अवसरों पर भी किया जाता है।

🕰️ 2025 में गणेश चतुर्थी का शुभ समय:

  • तिथि प्रारंभ: [यहाँ सही तिथि और समय बाद में अपडेट होगा]

  • गणेश चतुर्थी व्रत: प्रातः काल से रात्रि तक

  • मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त एवं मध्यान्ह पूजा काल

👉 ध्यान दें कि गणपति स्थापना एवं पूजन के लिए मध्यान्ह काल सर्वश्रेष्ठ माना गया है।


🙏 गणेश पूजन की विधि (Step by Step)

1. पूजन की तैयारी

  • पूजा स्थल को साफ करें और पवित्र जल छिड़कें।

  • गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल वस्त्र पर स्थापित करें।

  • घर में शुद्धता और पवित्र वातावरण बनाएँ।

    गणेश पूजन 2025: शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और संपूर्ण जानकारी

    गणेश पूजन 2025: शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और संपूर्ण जानकारी

2. गणपति स्थापना

  • गणेश जी को पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्थापित करें।

  • प्रतिमा पर सिंदूर, अक्षत, दूर्वा घास और लाल फूल अर्पित करें।

3. संकल्प एवं आह्वान

  • पूजा करने वाला व्यक्ति स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे।

  • दाहिने हाथ में जल, पुष्प, अक्षत लेकर संकल्प करें –
    “मैं अमुक नाम, अमुक गोत्र का, आज श्री गणेश पूजन कर रहा हूँ ताकि मेरे जीवन से सभी विघ्न दूर हों।”

4. पूजन सामग्री

  • लाल वस्त्र

  • दूर्वा घास (21 तिनके)

  • मोदक और लड्डू

  • फूल (विशेषकर लाल)

  • नारियल

  • धूप, दीप और अगरबत्ती

5. गणेश पूजन की विधि

  • सबसे पहले गणेश जी का ध्यान और ध्यान मंत्र बोलें।

  • धूप, दीप, नैवेद्य, फल और मिठाई अर्पित करें।

  • गणेश जी को मोदक विशेष प्रिय है, अतः उन्हें अवश्य चढ़ाएँ।

  • गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाना अनिवार्य माना गया है।

6. गणेश मंत्र जाप

  • ॐ गं गणपतये नमः – इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • इससे बुद्धि और विवेक की वृद्धि होती है।


🪔 गणेश पूजन में विशेष नियम

  1. पूजा करते समय दक्षिणमुखी मूर्ति का प्रयोग न करें।

  2. दूर्वा घास 3 या 5 या 21 की संख्या में ही अर्पित करें।

  3. पूजा के दौरान दरवाज़े पर दीपक अवश्य जलाएँ।

  4. गणेश जी को तुलसी पत्र कभी न चढ़ाएँ।


🍬 गणपति के प्रिय भोग

गणेश जी को विशेषकर मोदक बहुत प्रिय है। इसके अलावा गुड़, लड्डू, नारियल, केले और आटे के पुए भी उन्हें चढ़ाए जाते हैं।


📜 गणेश व्रत कथा (संक्षेप में)

एक समय देवी पार्वती ने अपने उबटन से गणेश जी का निर्माण किया और उन्हें द्वारपाल बनाकर स्नान करने चली गईं। तभी भगवान शिव वहाँ आए और प्रवेश करना चाहा, लेकिन गणेश जी ने अनुमति नहीं दी। शिव जी ने क्रोधित होकर उनका सिर काट दिया।
पार्वती माँ ने रोते हुए गणेश जी को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की। तब शिव जी ने गणेश जी के शरीर पर हाथी का सिर लगाकर उन्हें जीवित किया और प्रथम पूज्य देवता घोषित किया।


🌼 गणेश पूजन का लाभ

  1. घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

  2. कार्यों में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

  3. बच्चों की बुद्धि और एकाग्रता में वृद्धि होती है।

  4. व्यापार में उन्नति और करियर में सफलता मिलती है।

  5. जीवन में सकारात्मकता और आत्मबल का संचार होता है।


🏠 घर पर सरल गणेश पूजन कैसे करें?

  • सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।

  • एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएँ।

  • गणेश जी की प्रतिमा रखकर धूप-दीप जलाएँ।

  • दूर्वा, मोदक और लड्डू अर्पित करें।

  • “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें।

  • आरती करें और प्रसाद बाँटें।


📿 गणेश जी की आरती

गणपति पूजन के अंत में आरती करना अत्यंत आवश्यक है। आरती से पूजा पूर्ण होती है और भक्त के जीवन में आनंद का संचार होता है।


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